रुकता नहीं ये आंसुओ का दरिया मुझे ले लो अपनी शरण ओ सांवरिया। रुकता नहीं ये आंसुओ का दरिया मुझे ले लो अपनी शरण ओ सांवरिया।
मैं काँटा हूँ उस डाली का, तू है किसी गुलाब सा....! मैं काँटा हूँ उस डाली का, तू है किसी गुलाब सा....!
प्यार का नशा इतना दर्दनाक होता है हमें मालुम नहीं था। प्यार का नशा इतना दर्दनाक होता है हमें मालुम नहीं था।
धिक्कार है उन दिलों को आज, जिनमें संवेदनाओं की ही जगह नहीं धिक्कार है उन दिलों को आज, जिनमें संवेदनाओं की ही जगह नहीं
जज़्बात एक्सप्रेस कथा जज़्बात एक्सप्रेस कथा
बात सिर्फ इतनी सी है प्यार सिर्फ आँसू है। बात सिर्फ इतनी सी है प्यार सिर्फ आँसू है।